Government of Himachal Pradesh

Department of Horticulture

eUdyan


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जनवरी फ़रवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितम्बर अक्टूबर नवंबर दिसम्बर
दिसम्बर पहला पखवाड़ा
शीतोष्ण फल :-
  1. पौधों के तौलिए बनाने का कार्य जारी रखें तथा गली सड़ी गोबर कि खाद व उर्वरक का उपयोग पौधों कि आयु के अनुसार करें|
  2. पौधों कि सुप्तावस्था में जाने के बाद कांट-छांट व सीधाई का कार्य आरम्भ कर दें| कटे भाग पर बोर्डो पेस्ट या चोबाटिया पेस्ट का लेप लगाए |
  3. पौधों को भरने का कार्य पूरा कर लें ताकि पौधों को लगाने के लिए मिटटी को बैठने के लिए 3-4 सप्ताह का समय मिल जाए |
सदाबहार फल :-
  1. किन्नू को छोड कर संतरा, माल्टा, चकोतरा आदि फलों का तुड़ान करें|
  2. नर्सरी पौधों को पाले से बचाने के लिए घास, पत्तों आदि की छान बना कर ढक लें या अलग से पौधों को ढक कर पाले या ठण्ड से बचाने का उपाय करें|
  3. पाले पड़ने की सम्भावना में सिंचाई करें | सुखा पड़ने की संभावना में भी सिंचाई करना जरूरी हैं|
  4. जहाँ सिंचाई की सुविधा हो, पौधों को लगाने के लिए गड्ढे खोद लें|
  5. रोग व कीट ग्रस्त शाखाओं की कांट-छांट कर नष्ट कर दें|
दिसम्बर दूसरा पखवाड़ा
शीतोष्ण फल :-
  1. सेब, आडू ,अखरोट व पीकन के बीजों को स्ट्रैटीफिकेशन के लिए डालें| नर्सरी को उखाड़ने का कार्य शुरू करें |
  2. कांट-छांट व सीधाई का कार्य करें| कटे भाग पर बोर्डो पेस्ट या चोबाटिया पेस्ट आवश्यक लगाएं|
  3. पौधों को लगाने का कार्य आरम्भ कर दें|
  4. तौलिए बनाने व खाद और उर्वरको के प्रयोग का कार्य बर्फ पड़ने से पहले पूरा कर लें|
  5. पौधों के तनों में चूने के लेप लगाने का कार्य भी पूरा कर लें|
  6. बगीचे से कांट-छांट की शाखाएं इकट्ठी करें तथा झाडियाँ आदि निकाल कर बगीचों को साफ़ रखें|
सदाबहार फल :-
  1. तौलिए बनाने का कार्य आरम्भ करें तथा आयु अनुसार गोबर की गली-सड़ी खाद व उर्वरक डालें |
  2. संतरें की पछेती किस्मों की तुड़ाई करें|
  3. पौधों को पाले से बचाने के लिए सिंचाई करें तथा छोटे पौधों को पाले से बचाने के लिए घास व बोरी आदि से ढक लें| केवल दक्षिण पश्चिम दिशा में सूर्य की रोशनी के लिए खुला रखें|