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Preventing Fruit Pests Work Schedule
जनवरी
फरवरी
मार्च
अप्रैल
मई
जून
जुलाई
अगस्त
सितम्बर
अक्तुबर
नवंबर
दिसंबर
जनवरी
लीची के वृक्षों में रैड रस से ग्रसित भागों को काट कर जला दें|
आम में चूर्णी बग कीट नियंत्रण हेतु वृक्षों पर एल्काथीन (20-25 से.मी.चौड़ी) पट्टी मुख्य तने पर जमीन से लगभग आधा मीटर ऊपर लपेटें ताकि कीट के शिशु जमीन से निकल कर वृक्षों पर न चढ पाएं|
गुठलीदार फलों पर शीतकालीन तेल (एच.पी.एस.ओ./आई.पी.ओ.एल./सर्वो इत्यादि) का सैंजोंस स्केल एवम यूलिकेनियम स्केल कीट के नियन्त्रण हेतु सफ़ेद कली अवस्था में 2 ली. / 100 ली. पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें|
फरवरी
गुठलीदार फलों की गुलाबी कली अवस्था में पत्ते मोड़ने वाले तेला कीट नियंत्रण हेतु आक्सीडैमीटॉन मिथाइल (मेटासिस्टॉक्स 25 ई.सी.) या डाईमैंथोएट (रोगर 30 ई.सी.) या मोनोक्रोटोफॉस (मोनोसिल/न्यूवाक्रॉन/मासक्रॉन/मेक्रोफॉस 36 डब्ल्यू.एस.सी./एस. एल.) का 100 मि.ली./100 ली.पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें|
आम में भूनजा (हॉपर) व चूर्णी बग नियंत्रण हेतु फूल खिलने से पहले एण्डोसल्फॉन (एण्डोसिल/थायोडॉन/एण्डोमॉस /हिल्डॉन 35 ई.सी.) 150 मि.ली./100 ली.पानी या मोनोक्रोटोफॉस (मोनोसिल / न्यूवाक्रॉन / मास्क्रॉन / मैक्रोफॉस / 36 डब्ल्यू एस.सी./ एस.एल.) का 100 मि.ली. / 100 ली. पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें|
लीची वृक्षों पर रैड रस्ट नियंत्रण हेतु डाएमैथोएट (रोगर 30 ई.सी.) 100 मि.ली./ 100 ली.पानी या डाइकोफॉल (कैलथेन/कर्नल एस./नोमाइट/डाइकोमॉस 18.5 ई. सी.) 400 मि.ली./100 ली.पानी या वैटेबल सल्फर (सल्फैक्स/बैटासूल /थायोविट 50 डब्ल्यू पी.) 500 ग्रा. / 100 ली. पानी की दर से छिडकाव करें|
मार्च
आम में फल बनने के बाद भूनजा एवं चूर्णी बग कीट नियंत्रण हेतु फरवरी माह में सुझाई गई कीटनाशक दवाओं का पुनः छिडकाव करें|
लीची में रैड रस्ट नियंत्रण हेतु फरवरी माह में सुझाई गई कीटनाशक दवाओं में से किसी एक दवा का पुनः छिडकाव करें|
सेब में स्केल कीट एवं माईट नियंत्रण हेतु टाइट कलस्टर अवस्था में वृक्षों पर शीतकालीन तेल (आई.पी.ओ.एल./सर्वो/एच.पी.स्प्रे आयल/लोवीन-30 /एच.आर.सी.स्प्रे आयल) का 200 ली./100 ली.पानी में घोलबनाकर छिडकाव करें| छिडकाव साफ़ मौसम में करें|
नीम्बू प्रजातीय फल वृक्षों पर पर्ण सुरंगी कीट एवं सिल्ला नियंत्रण हेतु डाईमैथोएट ( रोगर 30 ई.सी.) या आक्सीडैमीटॉन मिथाइल (मैंटासिस्टॉक्स 25 ई.सी.) या मोनोक्रोटोफॉस (मोनोसिल/न्युवाक्रान /मास्क्रान /मैक्रोफास 36 डब्ल्यू एस.सी./ एस/ एल.) का 100 मी.ली./100 ली.पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें|
यदि निम्बू प्रजातीय फल वृक्षों पर निम्बू की तितली का आक्रमण नज़र आये तो प्रारंभ में सुंडियों को एकत्रित कर नष्ट कर दें| बाद में एण्डोसल्फॉन (एण्डोसिल / थायोडॉन /एण्डोमॉस / हिल्डॉन 35 ई. सी.) 150 मि.ली./100 ली. पानी या मोनोक्रोटोफॉस (मोनोसिल/न्युवाक्रॉन /मास्क्रॉन /मैक्रोफॉस 36 डब्ल्यू एस.सी./एस/ एल.) 100 मि.ली./100 ली. पानी की दर से घोल बनाकर छिडकाव करें|
अप्रैल
सेब वृक्षों पर गुलाबी कली अवस्था में यदि थ्रिप्स कीट का आक्रमण नज़र आए (15 थ्रिप्स/पत्ती) तो थायामिथोकसाम (एकतारा 25 डब्ल्यू जी.) 100 ग्रा./100 ली. पानी या क्लोरपायरीफॉस (डॅरमैट/ट्राइसैल/मासवान 20 ई.सी.) का 200 मि.ली./ 100 ली.पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें|
निम्बू प्रजातीय फल वृक्षों पर पर्ण सुरंगी कीट एवं सिल्ला नियंत्रण हेतु मार्च माह में सुझाई गई किसी एक कीटनाशक दवा का छिड़काव करें|
निम्बू प्रजातीय फल वृक्षों पर निम्बू की तितली के नियंत्रण हेतु मार्च माह में सुझाई गई किसी एक कीटनाशक दवा का छिड़काव करें|
मई
लीची में रैड रस्ट नियंत्रण हेतु फरवरी माह में सुझाई गई किसी एक कीटनाशी दवा का छिड़काव करें|
सेब में माइट नियंत्रण हेतु ग्रीष्मकालीन तेल (आरचैक्स 796 / डी.सी.ट्रान प्लस/शैल्टर 909 / आर्च आयल -13 /आर्वोफाइन/आई.पी.ओ.एल./सर्वो) का 1 ली./ 100 ली.पानी या डाइकोफॉल (कैलथेन /नोमाइट/कनैल एस./डाइकोमॉस 18.5 ई. सी.) 200 मि.ली./100 ली.पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें|
जून
सेब में माइट नियंत्रण हेतु फैनाजाक्विन (मैजिस्टर 10 ई.सी.) 25 मि.ली./100 ली.पानी या प्रोपरगाइट (ओमाइट 57 ई.सी.) का 100 मि. ली. / 100 ली.पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें|
लीची में फल छेदक नियंत्रण हेतु साइपरमैथरिन (100 मि.ली.रिपकार्ड 10 ई.सी.या 40 मि.ली.सिम्बुश 25 ई.सी. /100 ली.पानी) या मोनोक्रोटोफॉस (मोनोसिल/न्युवाक्रॉन /मास्क्रॉन /मैक्रोफॉस 36 डब्ल्यू एस.सी./एस/ एल.) 100 मि.ली./100 ली. पानी की दर से घोल बनाकर छिडकाव करें| छिड़काव के 15 दिन बाद ही फल तोड़ें|
जुलाई
सेब में जून में सुझाई गई माईट नियंत्रण हेतु किसी भी एक कीटनाशक दवा का छिड़काव करें|
सेब वृक्ष के तौलियों में लिन्डेन धूल (कैनोडेन 3 डी.) 300 ग्रा./तौलिया की दर से मिलाएं|
आम में फल मक्खी नियंत्रण हेतु गिरे हुए फलों को एकत्रित कर गहरे गड्ढे में दबायें| फल वृक्षों पर 1 कि.ग्राम.गुड या चीनी + 200 मि.ली.मैलाथियॉन/100 ली.पानी की दर से आकर्षक घोल बना कर छिडकाव करें| या मैलाथियॉन (मैलाथियॉन/ साइथियॉन /मासथियॉन /50 ई.सी.) का 100 मि.ली./ ली.पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें| पके हुए फलों को शीघ्र तोड़ दें|
आडू में मक्खी नियंत्रण हेतु पके हुए फलों को तोड़ने में विलम्ब करें| वृक्षों पर उपरोक्त आकर्षक घोल का छिडकाव करें|
अगस्त
आम में शाखा छेदक कीट नियंत्रण हेतु जुलाई माह में सुझाए गए उपाय अपनाएं|
आम में यदि शाखा गाँठ सिल्ला का आक्रमण नज़र आए तो डाइमैथोएट (रोगर 30 ई. सी.) या आक्सीडेंमीटॉन मिथाइल (मैटासिस्टॉक्स 25 ई.सी.) या मोनोक्रोटोफॉस (मोनोसिल/न्युवाक्रॉन /मास्क्रॉन /मैक्रोफॉस 36 डब्ल्यू एस.सी./एस/ एल.) 100 मि.ली./ 100 ली. पानी की दर से घोल बनाकर छिडकाव करें| प्रभावित शाखा गांठों को नष्ट कर दें|
फरवरी-मार्च में सुझाये गए कीटनाशकों से आम में हॉपर नियंत्रण हेतु छिडकाव करें|
सितम्बर
आम में सिल्ला नियंत्रण हेतु अगस्त माह में सुझाये गए उपाए अपनाएं|
निम्बू की तितली के नियंत्रण हेतु मार्च-अप्रैल माह में सुझाए गए तरीकों को अपनाएं|
अक्तुबर
आम निम्बू प्रजातीय फल, लीची, अमरुद, गुठलीदार फल इत्यादि वृक्षों पर छाल कुतरने वाले कीट नियंत्रण हेतु कीट द्वारा बनाये गए रिबन हटा कर छिद्र में नुकीली एवं लचीली तार डाल कर घुमायें ताकि सुंडी मर जाए| फिर इस छिद्र में रुई जिसे मैटासिड 50 ई.सी.के 4 मि. ली./ ली. पानी के घोल मै डुबोया गया हो, से बंद कर दें तथा ऊपर से चिकनी मिटटी का लेप करें|
सेब में तना छेदक कीट नियंत्रण हेतु भी उपरोक्त विधि अपनाए|
नवंबर
सेब में वूली एफिड कीट नियंत्रण हेतु थायोमिथोक्सॉम (एकतारा 25 डब्ल्यू.जी.) 100 ग्रा. / 100 ली.पानी या कार्बोसल्फॉन ( मार्शल 25 ई.सी.) 100 मि.ली. /100 ली. पानी या कलो क्लोरपायरिफॉस (डरमैट/ट्राईसैल/मासबान 20 ई.सी.) का 200 मि.ली./ 100 ली.पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें| छिडकाव करने से पहले परजीवी प्रभावित कीट झुंडों वाली छोटी टहनियों को काट कर किसी अन्य स्थान पर रख लें तथा छिडकाव के बाद इन कटी हुई टहनियों को बागीचों में वृक्षों से बाँध दें| ताकि मित्र कीट को नुक्सान न हों|
दिसंबर
सेब के तौलियों को खोद कर उनसे जड़ छेदक शिशु एकत्रित कर मार दें तथा बाद में तौलियों को क्लोरपायरिफॉस (डरमैट/ट्राईसैल/मासबान 20 ई.सी.) का 500 मि.ली./100 ली. पानी की डर से घोल बनाकर सिंचित करें|
निम्बू प्रजातीय फल वृक्षों के तौलियों में सूत्रकृमि नियंत्रण हेतु फ्यूराडॉन 3 जी.,100-300 ग्रा./वृक्ष ( वृक्ष की आयु के अनुसार) की दर से मिलाए|