संगठनात्मक व्यवस्था
बागवानी विभाग के बारे में
उद्यान विभाग, बागवानी के वैज्ञानिक विकास के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि की एक स्थायी व्यवस्था के विकास हेतु प्राकृतिक संसाधनों के दोहन द्वारा, एक समृद्ध हिमाचल के निर्माण के उद्देश्य के साथ कार्य कर रहा है| उद्यान विभाग 1970 को अस्तित्व में आया था | बागवानों द्वारा उद्यान विकास की व्यावहारिक नीतियों को अपनाए जाने के परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश उद्यान उद्योग में परिवर्तित हो गया है और साथ ही प्रदेश को भारत का "सेब राज्य " होने का गौरव प्राप्त हुआ है |
संगठनात्मक व्यवस्था
हिमाचल प्रदेश में उद्यान विभाग प्रधान सचिव(उद्यान) के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत है. उद्यान निदेशक विभाग का विभागाध्यक्ष होता है, संयुक्त उद्यान निदेशक, उप उद्यान निदेशक और विषय विशेषज्ञों के द्वारा उद्यान निदेशक को निदेशालय स्तर पर सहायता प्रदान करते है. निदेशालय को सात मुख्य भागो में बांटा गया हैं और जिनके नाम इस प्रकार से है.
उद्यान विकास के कार्यक्रमों और गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए, राज्य को दो क्षेत्रों, उत्तरी क्षेत्र और दक्षिण क्षेत्र में बांटा किया गया है.
उद्यान निदेशक के द्वारा राज्य के दक्षिण क्षेत्र में शामिल (बिलासपुर, किन्नौर, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन) जिलों में उद्यान विकास की गतिविधियों को सीधे ही नियंत्रित किया जाता है. परियोजना निदेशक (खुम्ब ) का कार्यलय चम्बघाट, सोलन और संयुक्त उद्यान निदेशक का मुख्यालय शिमला में है. जहां से मशरूम के विकास और फल विधायन की गतिविधियों को संचालित किया जाता हैं.
अतिरिक्त उद्यान निदेशक की नियुक्ति धर्मशाला, जिला कांगड़ा में की गई है, जहां से उतरी राज्य में चल रही उद्यान विकास की गतिविधियों का निरीक्षण किया जाता है. जबकि उद्यान निदेशक के नियंत्रण में अन्य सभी जिलों (चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल एवं स्पीति और ऊना) को भी शामिल किया गया है.
प्रत्येक जिलें में उप निदेशक उद्यान की नियुक्ति की गई है, जिनका कार्य अपने - अपने जिलें में चल रही उद्यान की गतिविधियों का क्रियावयन एवं समन्वय को लागू करना है. विषय विशेषज्ञ उद्यान के द्वारा बगीचों, पौधशालाओं , पौध संरक्षण, पुष्पोत्पादन, और विपणन में सहायता प्रदान की जाती हैं. इनकी नियुक्ति संबंधित जिलो में गतिविधियों के आधार पर निर्भर करती है.विषय विशेषज्ञो द्वारा प्रत्येक जिले में खंड स्तर पर एक उद्यान केंद्र की स्थापना की गई है, जहाँ से विकास योजनाओं का कार्यान्वयन और फल उत्पादकों को अन्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती है. प्रत्येक उद्यान प्रसार क्षेत्र में विकास से सम्बंधित मामलो के लिए उद्यान प्रसार अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है .