फल पौध पोषण सेवाएँ |
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हिमाचल प्रदेश में फल उत्पादकों को फल पौध पोषण से सम्बंधित सलाहकार सेवाएँप्रदेश में उद्यान विभाग इस योजना "हिमाचल प्रदेश के फल उत्पादकों के लिए फल पौध पोषण सलाहकार सेवाएँ ", को 1974 के बाद से लागू कर रहा है। यह योजना उतक व् पत्ती विश्लेषण तकनीक पर आधारित है, जिसके अंतर्गत किसानों के बगीचों में पत्ती व् फल पौध पोषण के नमूनों को व्यवस्थित कार्यप्रणाली के अनुसार सही समय पर एकत्रित किया जाता हैं| बाद में नमूनो के विधायन एवं रासायनिक विश्लेषण के द्वारा उद्यानों में विभिन्न सूक्ष्म व् सूक्ष्म पोषक तत्वों की स्थिति का पता लगाया जाता है| परीक्षणों की उपयुक्त मानदंडों के साथ तुलना की जाती है, बागवानो को पती व् फल पौध पोषण तकनीक के आधार पर पोषक तत्वों व् रासायनिक तैयार संतुलित खाद का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। जिससे कि उत्पादन की लागत कम हो जाएगी और वे उद्यानों से लम्बे समय तक अच्छे फलों का अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है| |
इस योजना के अन्तर्गत महत्वपूर्ण क्षेत्र निम्नलिखित है
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विद्यमान आधारभूत संरचनाराज्य में इस समय तीन फल पौध पोषण प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं। इन प्रयोगशालाओं की स्थापना निम्न स्थानों में की गई है।.
इसके अतिरिक्त प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में बागवानो को पत्ती विश्लेषण की सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु जिला किन्नौर के रिकांगपियो और जिला चंबा के भरमौर में ड्राइंग एवं ग्राइंडिंग इकाइयाँ भी कार्यरत है. |
विश्लेषण की सुविधाएं
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