एल्स्ट्रोमीरिया में स्टेकिंग, कारनेशन को खेतों में लगाना| जरबेरा, लिलियम में निराई-गुडाई एवं पानी देना|
ग्लैडियोलस के घनकन्द खेतों में लगाना| गुलाब, लिलियम एवं गुलदाऊदी में खाद पानी देना| जरबेरा में व्हाईट फ्लाई के लिए स्टिकी मैट लगाना|
एल्स्ट्रोमीरिया में तथा नर्गिस में फूल आना| एस्टर तथा गैंदे की नर्सरी डालना| कारनेशन में पहली बार नोचन|.
एल्स्ट्रोमीरिया, नरगिस, गुलाब, जरबेरा के फूलों की तुड़ाई| गैंदे तथा एस्टर की पौध को खेतों में लगाना|
चाइना एस्टर तथा गैंदे में शीर्ष नोचन| कारनेशन में शीर्ष नोचन| गुलदाउदी की कटिंग को जड़े बनाने के लिए डालना| ग्लेडियोलस में मिटटी चढ़ाना| लिलियम में फूलों की तुड़ाई आरम्भ| डेफोडिल/नरगिस में पानी डालना बंद करें| गुलाब में प्रूनिंग/कांट-छांट|
एल्स्ट्रोमीरिया, जरबेरा, लिलियम में फूलों की तुड़ाई| एस्टर, कारनेशन ग्लैडियोलस, गैंदे मं् सहारा देना| गुलदाउदी की जड़ वाली कटिंग्स/पौधों को खेतों में लगाना| नरगिस के बल्ब को उखाड़ना| बीजोत्पादन के उदेश्य की पूर्ति के लिए गैंदे की दूसरी फसल के लिए नर्सरी डालना|
ग्लैडियोलस, गैंदे तथा चाइना एस्टर में फूल आना आरम्भ| साथ-साथ कारनेशन में भी फूल आते हैं| गुलदाउदी में शीर्ष नोचन| जरबेरा के पुराने पौधों को विभाजित करके लगाए| नर्गिस के बल्ब का भंडारण| गैंदे को बीजोत्पादन के लिए पौधे खेतों में लगाना|
चाइना एस्टर, गैंदे, कारनेशन में फूलों की तुड़ाई| गुलदाउदी में अवांछित शाखायें हटाना| लिलियम के बल्ब को खेतों से उखाड़ना|
गुलदाउदी के पौधों को सहारा देना तथा अवांछित कालियों को हटाना| जरबेरा के पौधों को खेत में लगाने का समय| लिलियम के बल्ब का कोल्ड स्टोर में भंडारण| चश्में चढ़ायें, गुलाब के पौधें पॉलीहाउस में लगाने का समय|
चाइना एस्टर का बीज इकट्ठा करना| एल्स्ट्रोमीरिया तथा नरगिस का खेतों में लगाने का समय| गुलदाउदी में तथा गुलाब में फूलों के आने का समय| ग्लैडियोलस में पानी देना बंद करें|
कारनेशन के पौधों से कटिंग लेकर जड़े बनाने के लिए डालें| गुलदाउदी में फूलों की तुड़ाई| लिलियम को खेतों में लगाना तथा ग्लैडियोलस के कार्म उखाडना, गुलाब में कांट-छांट, गैंदे के बीज को एकत्रित करना|
कारनेशन को खेतों में लगाना| ग्लैडियोलस के कार्म का 4 डिग्री से.पर भण्डारण करें| गुलाब में टहनियों को झुकाना/बैंडिंग |
एल्स्ट्रोमीरिया | |
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पौधे लगाने का समय | अक्तूबर |
रोपण सामग्री | राइज़ोम |
नवंबर-दिसंबर | सामान्य पौधों की देखभाल जिसमें पानी देना व खरपतवार निकालना शामिल हैं| |
जनवरी-फरवरी | पौधों को सहारा देना (नेट या सुतलियों से) |
मार्च-अप्रैल | फूल आने का समय (पहला फ्लश) |
मई | सामान्य देखभाल |
जून-जुलाई | फूल आने का समय (दूसरा फ्लश) |
अगस्त-सितम्बर | सामान्य देखभाल |
एस्टर (चाइना एस्टर) | |
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मार्च | नर्सरी के लिए बीज डालने का समय |
अप्रैल | पौध को खेतों या क्यारियों में लगाना |
मई | शीर्ष नोचन |
जून | पौधों को सहारा देना |
जुलाई – अगस्त | फूल आने का समय |
सितम्बर | बीज बनने का समय |
अक्तूबर | बीज को इकट्ठा करना, सुखां एवं भण्डारण |
कारनेशन | |
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जनवरी | खेतों में कटिंग से तैयार किए गए पौधे लगाना |
फरवरी | पानी एवं गुड़ाई करना |
मार्च | पहली बार शीर्ष नोचन एवं खाद देना (लिक्विड) |
अप्रैल | पहली बार सहारा देना (स्टेकिंग) |
मई | दूसरी बार नोचन |
जून | सहारा देना एवं बेकार की डंडियाँ हटाना |
जुलाई | बेकार की डंडियाँ/शूट हटाना एवं फूल आना |
अगस्त | फूल आना |
सितम्बर-अक्तूबर | ‘मदर ब्लाक’ अथवा उन पौधों की देखभाल करना जिसमे से कटिंग निकालनी हो| उसमें खाद-पानी, निराई-गुड़ाई तथा गोबर मिलाना| |
नवंबर | इस ब्लाक से कटिंग लेकर जड़े बनाने के लिए लगाना| |
दिसंबर | पौधों (कटिंग से तैयार) को खेतों में लगाना| |
गुलदाऊदी | |
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जनवरी – अप्रैल | मदर ब्लाक/ स्टाक प्लांट अथवा वे पौधें जिनमे से कटिंग निकालनी हो, की अच्छी तरह से देखभाल करना जैसे खाद, पानी, गोबर तथा निराई-गुड़ाई| |
मई | इन पौधों में से कटिंग लेकर जड़े बनाने के लिए डालना| |
जून | खेतों में लगाना (जड़ वाले पौधों को) | |
जुलाई | शीर्ष नोचन |
अगस्त | बेकार की शाखाए निकालना| |
सितम्बर | सहारा देंना एवं अवांछित फूलों की कलियों को निकालना| |
अक्तूबर | अवांछित कलियों को निकालना एवं फूल आने का समय| |
नवंबर | फूल आने का समय |
दिसंबर | मदर ब्लाक की देखभाल| |
जरबेरा | |
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जनवरी |
पानी देना एवं खरपतवार निकालना| |
फरवरी | फर्टिगेशन अर्थात तरल खाद देना एवं व्हाईट फ्लाई के लिए स्टिकी मैट लगाना| |
मार्च-अप्रैल |
फूल आने का समय |
मई-जून |
तरल खाद एवं फूल आने का समय| |
जुलाई-अगस्त | पुराने पौधों का विभाजन |
सितम्बर | नए पौधे लगाने का समय |
अक्तूबर | पानी एवं निराई-गुड़ाई करना |
नवंबर-दिसंबर |
व्हाईट फ्लाई के लिए स्टिकी मैट लगाना एवं सामान्य देखभाल| |
ग्लैडियोलस | |
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फरवरी |
मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कॉर्म को खेतों में लगाना| |
मार्च | कार्म का खेतों में अंकुरण/फुटाव |
अप्रैल | पानी देना एवं खरपतवार निकालना |
मई | मिटटी चढाना |
जून | बांस की खरपचियों से सहारा देना |
जुलाई-अगस्त | फूल आने का समय |
सितम्बर | खरपतवार निकालना |
अक्तूबर | पानी देना बंद करें| |
नवम्बर | खेतों में से कार्म/घनकन्द को उखाड़ना |
दिसंबर-जनवरी | घनकंदों का 4 डिग्री से.तापमान पर भंडारण | |
लिलियम (एशियाटिक एवं ओरिएन्टल लिलियम) | |
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जनवरी | पौधों की निराई-गुड़ाई |
फरवरी | खाद देना |
मार्च | सहारा देना |
अप्रैल | सामान्य देखभाल |
मई – जून | फूल आने का समय |
जुलाई | खरपतवार निकालना |
अगस्त | बल्बों को खेतों से उखाड़ना |
सितम्बर-अक्तूबर | बल्ब का कोल्ड स्टोर में भंडारण |
नवंबर | बल्ब को खेतों में लगाने का समय |
दिसंबर | बल्ब का खेतों में अंकुरण |
गेंदा | |
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मार्च | बीजों को नर्सरी में डालना(फूल वाली फसल लेने के लिए) |
अप्रैल | पौधों को खेतों में लगाना |
मई | शीर्ष नोचन |
जून | सहारा देना एवं बीजोत्पादन के लिए नई नर्सरी डालना| |
जुलाई | सामान्य देखभाल एवं उपरोकत तैयार पौध को खेतों में लगाना| |
अगस्त-सितम्बर | फूल आने का समय |
नवम्बर | बीजोत्पादन के लिए जून में बीजी गई फसल का बीज एकत्रित करना| |
नरगिस / डैफोडिल | |
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जनवरी-फरवरी | सामान्य देखभाल जैसे निराई-गुड़ाई, खरपतवार निकालना इत्यादि| |
मार्च-अप्रैल | फूल आने का समय |
मई | पानी देना बंद करें |
जून | बल्बों को उखाड़ना |
जुलाई | बल्बों का भंडारण |
अगस्त-सितम्बर | ------------ |
अक्तूबर | : बल्बों को खेतों में लगाना |
नवम्बर-दिसंबर | बल्बों का अंकुरण |
गुलाब |
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सितम्बर | चश्मा चढ़ाए पौधे लगाने का समय |
अक्तूबर-नवम्बर | पानी देना, काटना एवं कांट-छांट |
दिसंबर | शाखायें झुकाना एवं बेन्डिंग | |
पहले साल पौधे का आकार बढ़ने दिया जाता हैं| | |
दूसरे वर्ष मार्च-अप्रैल में फूल आने का समय| | |
मई | पौधों को आराम देना एवं कांट-छांट| |
जून-जुलाई | सामान्य देखभाल |
अक्तूबर दूसरी बार फूल आने का समय| | |
पहले बर्ष में पौधे की सामान्य देखभाल करतें हैं जैसे खाद, पानी, निराई-गुड़ाई इत्यादि| | |
पहले वर्ष पौधों से फूल नहीं लेतें |